Vastu Tips For Attracting Wealth

 धन और आर्थिक सम्पनता के लिए वास्तु टिप्स

वास्तु शास्त्र के अनुसार बने भवन की रचनाये ढंकी प्राप्ति में आश्चर्यजनक रूप से कारगर सिद्ध होती है आज  हम वास्तु शास्त्र के प्रामाणिक सिधान्तो के बारे में बतायगे जिन्हे भवन निर्माण के वक्त लागु कर लोगो ने आर्धिक सम्पनता प्राप्त की है | आपने भी अपने जीवन कल में देखा होगा की कई बार कड़ी मेहनत के बाद भी लोगो को आर्थिक परेशानी देखने को मिलती है वही दूसरी और कुछ ऐसे लोग भी है जीने बिना ज्यादा मेहनत के भी निरन्तर सफलता ऑर्डर धन प्राप्ति होती रहती है और ऐसे लोगो को हम लकी और भग्यशाली मानते है लेकिन वास्तविकता में भाग्य कम और वास्तु के नियम से बने घर का फलस्वरूप ज्यादा होता है और घर में प्रभाहित होने वाली सकारात्मक उर्जाओ का नतीजा अधिक होता है | जिससे व्यक्ति निरन्तर प्रगति के मार्ग पर चढ़ता है | 

धन और आर्थिक सम्पनता के लिए वास्तु टिप्स

उदारण के लिए अगर आपके ईशान कोण में बड़ा वास्तु दोष उपस्थित है तो आपको आपकी मेहनत का १० प्रतिशत परिणाम भी हासिल नहीं होगा और भाग्य को कोसते रहोगे तो आईए  जानते है  आपको आर्धिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए कुछ वास्तु टिप्स 

 

धन के लिए प्रभावसाली वास्तु टिप्स 

घर के मुख्य प्रवेश द्वार को वास्तु सस्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्युकी किसी भी भवन में ब्रम्हांडीय ऊर्जा के प्रवेश का मुख्य  माध्यम होता है | अतः इसका सकारात्मक वह नकारात्मक प्रभाव भी बड़े पैमाने में नजर आता है | ऐसे में यह अति आवश्यक हो जाता है की वास्तु शास्त्र में निर्धारित कुल ३२ में से ९ सकारात्मक नतीजे प्रदान करने वाले भागो में ही मुख्य द्वार का निर्माण किया जाए | वास्तु में मुख्य द्वार का उचित स्थान निर्धारित करने के लिए भवन को ११.२५ के ३२ बराबर भागो में विभाजित किया जाता है | और हर दिशा में कम से कम एक ऐसा भाग होता है जहाँ पर मुख द्वार का निर्माण आर्थिक समृद्वि और वैभव निर्माण करता है | 

धन के लिए प्रभावसाली वास्तु टिप्स


धन के लिहाज से ईशान (उत्तर -पूर्व ) दिशा बेहद मत्वपूर्ण है ईशान कोण को खाली एव पूर्णतः स्वच्छ रखा जाना चाहिए इस दिशा को वास्तु के नियम लागु हुहे है तो यह दिशा से  शुंभ ऊर्चा घर की और आकर्षित होती है और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है | 

कैश लॉकर दक्षिण या दक्षिण -पश्चिम दिवार की और रखे जिससे की यह उत्तर की और खुले इस दिशा की और लॉकर या  कैश तिजोरी रखने से  तिजोरी में कॅश की कमी नहीं रहती और लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है | 

भवन में किसी भी दिशा का बढ़ना या कटना  भवन में वास्तु दोष उत्पन करता है इस प्रकार का वास्तु दोष आर्थिक हानि ,धन प्रवाह में रुखवट और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं  क़ानूनी वाद विवाद इत्यादि पैदा करता है | हलाकि वास्तु शास्त्र में एक दिशा यैसी है जिसका बढ़ना आश्चर्यरूप से धन लाभ और समृद्धि प्रधान करता है | यह दिशा है ईशान (उत्तर -पूर्व )ईशान का बढ़ना विशेष तोर से पहली पीढ़ी को समृद्ध और धनवान बनाता है |  ऐसे में अगर आपको  कोई ऐसा भूखंड मिलता है जिसका ईशान बढ़ा हो तो निश्चित ही यह आपके लिए एक श्रेष्ट विकल्प होगा | हलाकि यह एक सामान्य भूखंड में भी ईशान दिशा को बढ़ाने के लिए उपाय किये जा सकते है   इसके लिए आप भवन निर्माण के वक्त किसी वास्तु विशेषज्ञ से सहयता ले सकते है | 

 भवन का ढलान दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की और रखे नैरत्य कोण सबसे अधिक ऊंचा हो और और उसके बाद भवन की ऊंचाई क्रमशः आग्नेय ,वायव्य और ईशान की और घटते क्रम में होना चाहिए | दक्षिण और पश्चिम की दीवारे उत्तर और पूर्व की दीवारों से ऊंची व् अधिक भरी होनी चाहिए | प्लाट की उचाई इसके आसपास स्थित रोड से अधिक हो इसे दयँ में रख कर ही प्लाट ख़रीदे 

उत्तर पूर्व में पानी की उपस्थिति बेहद शुभ मणि जाती है अडरग्राऊंड या ग्राऊंड लेवल पर अतः इस दिशा  पर  वाटर फ़ाउंडेन लगाया जा सकता है इस बात का ख्याल रखे की फ़ाउंडेन में पानी निरंतर चलता रहे पानी का प्रवहा सकारातमक ऊर्जा और धन के प्रवाह को प्रतिबिंबित करता है   

उत्तर में स्थित कमरों और दीवारों का कलर नीला (blue )रखे और लाल कलर की वस्तु को  इस दिशा में न रखे और घर  में स्थित अन्य कमरों और दीवारों को भी बेहद गहरे और चमकीले रंगो का प्रयोग न करे 

उत्तर दिशा में (North Zone)वास्तु में Mony और Opportunities का स्थान है अतः इस जोन में ब्लू कलर के पौधे रखकर इसकी शुभता को बढ़ाया जा सकता है |

क्या न करे -

भूखंड या प्लाट खरीदते वक्त अतिरिक्त सावधानी रखने की अव्सय्कता है क्युकी वास्तु में प्लाट का आकर बेहद मायने रखता है कभी भी त्रिभुजाकार ,अंडाकार ,कटे हुहे या अनियमित आकर के प्लाट न ख़रीदे ऐसे प्लाट पर बने भवन अततः नकारातमक परिणाम देते है 

Vastu Tips For Attracting Wealth


ईशान दिशा (उत्तर पूर्व )में  किसी भी प्रकार का भारी निर्माण (जैसे सीढ़िया )या नकारात्मक नीर्माण (जैसे टायलेट ) नहीं बनाया जाना चाहिए |   शुभ दिशा में ऐसा करने से वास्तु दोष उत्तपन कर देता हैहा| 

 ईशान दिशा में किसी ऊंची   ईमारत ,टीले या अन्यः किसी प्रकार का निर्माण की उपस्थिति ईशान कोण में वास्तु दोष उतपन करती है | एव आर्थिक हानि और धन से सम्बंधित अन्य समस्याएं जन्म लेती है 

ईशान दिशा किसी भी सूरत में कटी नहीं होनी चाहिए जैसे की नाप के दौरान भूभाग की ईशान दिशा अन्य दिशाओ की अपेक्षा कम नहीं होनी चाहिए ओर न ही इस दिशा में स्थिर दिवार गोलाई में हो या अन्य किसी भी प्रकार का कटना बेहद हानिकारक होता है | 

नैऋत्ये दिशा (दक्षिण-पश्चिम )अंडरग्राऊंड  वाटरटेंक ,सेफ्टिक टेंक या अन्य किसी प्रकार का निर्माण जो ग्राउंड लेवल से निचे हो वास्तु दोष के अंतर्गत आता है | 

कैश लॉकर कभी भी किसी भीम के निचे न रखे ऐसा करने से धन के प्रवहा पर विपरीत असर पड़ता है  उत्तर पूर्व दिशा को खुला रखा जाना चाहिए लेकिन यह उच्चे और बड़े पेड़ नहीं लगाना चाहिए अगर आप ऐसा करते है तो आपके घर में वित्तीय समस्या आने लगती है और धन हानि होने लग जाती है | हलाकि इस जगह में गार्डन लगाया जा सकता है इसमें छोड़े पेड़ पौधे इस दिशा को शुभ प्रभाव प्रदान करते है | 

भवन के ब्रम्ह स्थान में न तो कोई निर्माण करे और  न तो किसी भारी वस्तु को रखे ब्रम्ह स्थान भवन के सबसे सवेदनशील भागो में से एक होता है अतः इसे स्वच्छ और भारहीन रखे | नहीं तो इसमें वास्तु दोष निर्माण होता  है और नकारात्मक परिणाम साबित होते है | उत्तर दिशा में डस्टबिन ,झाड़ू ,कचरा मिक्शी वाशिंग मशीन नहीं रखे 

आग्नेय दिशा (दक्षिण पूर्व )कैश फ्लो के लिए अति उत्तम है इसलिए इसे भी यथासम्भव स्वच्छ और वास्तु के समस्त स्वच्छ  और क्लीन रखने का प्रयत्न करे | 

उत्तर व् उत्तर पूर्व दिशा जल से सम्भंदित होती है और जल के विपरीत तत्त्व अग्नि से सम्बंदित वस्तुए का निर्माण इस दिशा में नहीं होना चाहिए | उद्धरण के लिए उत्तर पूर्व में किचन का निर्माण इस दिशा में ऊर्जा का संतुलन विकृत कर देता है | 

 






 



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